Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -02-Jul-2022 - तन्हाई

तन्हाई रहती साथ मेरे
लिए थे मैंने भी तो फेरे।
आगे तू क्यों निकल गया
दिल को मेरे तू छल गया।
जब चाहा तुझसे कुछ कहना,
लाया तू एक नया ही गहना।
चाहत मुझको तो थी तेरी,
पर तुमने तो नज़रें ही फेरी।
मोहब्बत में दीवाना बन गया,
शमा के लिए परवाना बन गया।
पर शमा वो तो कोई और थी,
दूर से उड़ती हुई कोई भोर थी।
दिल मेरा दीवाना तेरा ही रह गया,
तू किसी और की बाहों में बह गया।
तनहाई ने दामन मेरा कुछ ऐसा पकड़ा,
दीवानगी ने मेरी मुझको ही तो रगड़ा।
भूल भी तो तुझको मैं पाई नहीं यहां,
तुझमें हीं दिखता था मुझे अपना जहां।
अब इस जहान से भी गुजर जाएंगे हम,
कभी तुझको नजर भी ना आएंगे हम।
तन्हाई जब तुझको कभी यहां पर घेरेगी,
दुनिया भी फिर तुझसे तो नज़रें फेरेगी।
उस वक्त तुझे प्यार का मेरे एहसास होगा,
पर बेवफा मेरा साया भी नहीं तेरे पास होगा।। 


#दैनिक प्रतियोगिता हेतु 
शिखा अरोरा (दिल्ली)


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11 Comments

Pallavi

05-Jul-2022 03:22 PM

बहुत खूबसूरत

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Seema Priyadarshini sahay

04-Jul-2022 02:29 PM

बहुत खूबसूरत

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Priyanka06

03-Jul-2022 11:58 AM

बहुत सुंदर रचना

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